क्या सिनेमा टिकट्स, सेनेटरी पैड्स के सस्ते है ? दिल्ली में द्वारका के भरत विहार में आज भी टॉयलेट की स्थिति दयनीय है.
आज यानि 9 फरवरी, फिल्मी दुनिया की बात करे तो आज हमारे सिनेमा घरो में पैड मैन रिलीज़ हो गयी. बॉलीवुड के दिगजो के साथ साथ, आज देश के काफी लोग पैड के साथ सेल्फी लगा रहे है. और क्यों ना हो, हम किसी से शरमाते थोड़ी ना है, की ये पैड है और ये साफ़ और सुरक्षित रहने के लिए हमारी जरुरत है.
पिछले साल यानि 2017 में, अक्षय कुमार की टॉयलेट फिल्म आयी थी. जिसने बहुत सराहना बटोरी थी. लोगो को फिल्म का दिल से समर्थन किया था. सामाजिक मुद्दे और उनपर फिल्म बनाना, वैसे जोखिम का काम है. शायद चले या ना चले, परन्तु ये सच अवश्य है कि हमारे समाज की समस्याएं ऐसे ही चलती रहेगी.
हाल ही में हमने दिल्ली में एक सर्वे किया, जिसमे द्वारका की स्लम कॉलोनी भरत विहार की महिलाओ से बातचीत की, आपको जानकर हैरानी होगी की द्वारका दिल्ली का एक जाना माना सब-सिटी है. और यहाँ के स्लम में टॉयलेट के हालत इतनी ख़राब है की आपको विश्वास नहीं होगा ये दिल्ली की कहानी है. जिसकी क्लिप आप यहाँ देख सकते है.
भरत विहार में तक़रीबन 516 घर है. घर इतने छोटे है की वहाँ पर लोग अपने घरो में टॉयलेट नहीं बना सकते. इसलिय वहाँ पर कॉमन एम् सी डी के टॉयलेट है. भरत विहार के बच्चे और लोग उन्ही टॉयलेट्स का इस्तेमाल करते है. परन्तु, आपको जानकर हैरानी होगी, रात होते ही उन टॉयलेट्स में ताला लग जाता है और वहाँ के लोग रात भर टॉयलेट नहीं जा सकते.
वहाँ की औरते अगर रात में इमरजेंसी हो जाए तो अपने पति का या घर के लोगो का इंतज़ार करती है की कोई आये तो वो पास वाले जंगल में हल्का होने जाए. जिसमे ना सिर्फ किसी जानवर का डर, क्राइम का भी उतना की डर और बीमारियाँ फैलने की तो कोई सीमा ही नहीं.
भारत विहार तो एक छोटा सा स्लम है जहाँ हमने जाकर बातचीत की, देश में ना जाने कितने ऐसे स्लम होंगे जिनतक पहुंचना भी मुश्किल है. तो आप आप की दशा क्या होगी सोचकर ही रूह कापती है.
सबसे जरुरी बात आप स्लम में रहने वाले लोगो से क्या उम्मीद करते है की वो 250-300 रुपए की सिनेमा की टिकट ख़रीदे और टॉयलेट और पैड मैन जैसे फिल्मे देखकर टॉयलेट का और सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल कर पाएंगे. जैसे पैड्स महंगे है वैसे ही सिनेमा की टिकट्स भी तो महंगी है जनाब.